ए दीदी आपसे दूर जाकर, आपकी कीमत मैंने जाना हैं। ए दीदी आपसे दूर जाकर, आपकी कीमत मैंने जाना हैं।
वसंतागमन से धरती सजी है, कृषकों के मन में उमंग भी जगी है। पीताभ से फिर अवनि खिल वसंतागमन से धरती सजी है, कृषकों के मन में उमंग भी जगी है। पीताभ से फ...
प्रेम की व्याख्या नहीं प्रेम की व्याख्या नहीं
जिसकी कोख में सृजन हुआ वही हैं भाग्य विधाता। जिसकी कोख में सृजन हुआ वही हैं भाग्य विधाता।
बन खुद ही अपनी पतवार तू दौड़ जा मंज़िल के उस पार तू क्योंकि वक़्त को भी है इंतजार दे अपन... बन खुद ही अपनी पतवार तू दौड़ जा मंज़िल के उस पार तू क्योंकि वक़्त को भी ...
ऐसा हो एक देश कहीं पर स्वर्ग से अनुपम स्वर्ग से खास। ऐसा हो एक देश कहीं पर स्वर्ग से अनुपम स्वर्ग से खास।